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गंगा नदी : गंगा के बालू क्षेत्र का तकनीकी तौर पर एसटीपी के रूप में प्रयोग गंगा जल का संरक्षण करेगा

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  • U.K. Choudhary U.K. Choudhary
  • June-08-2020

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (135):

गंगा नदी के बालूक्षेत्र का तकनीकी उपयोग कोरोना वायरस से दूरी रखने का देश/विश्व स्तर का सेनिटाइजेशन है. यही है गीता के कर्म-अकर्म-विकर्म के ज्ञान का तत्व.

हे भोलेनाथ ! आप न्यूट्रॉन शरीर को धारण करने वाले, संसार से निर्लिप्त ध्यानस्थ रहने वाले, राख-विभूति से स्वयं को लपेटे रहने वाले, संसार-विष को धारण करने वाले, गंगा को अपने शरीर का अंग बनाने वाले हैं और ये सभी सत्यापित करता है कि विश्व-व्यापी कोरोना वायरस जो विष है, उसका निदान आपके शरीर का ही कोई अंश कर सकता है. यही होगा “विषस्य विष औषधम”. माना कि गंगा उद्गम गंगोत्री के जल का जैनेटिक कैरेक्टर, बैक्टेरियोफेज भीमगोडा-बिजनौर-नरोरा जैसे बैराजों से मूलतः दोहित हुआ है. अब गंगा से कोरोना वायरस की रोकथाम यानि सेनिटाइजेशन कैसे हो सकती है? हे दया के सागर ! यदि गंगाजल के बैक्टेरियोफेज वाली शक्ति अवशोषित हो गयी, तो गंगा के बालूक्षेत्र के स्लाइम-लेयर वाली वायरस को छानने और उसे विनष्ट करने एवं ऑक्सीजन स्तर बढ़ाने वाली शक्ति का उपयोग कर रोकथाम की जा सकती है, गंगा में प्रवाहित हो रहे मल-जल के मार्ग को बदलते हुए उसे अगल-बगल अवस्थित बालूक्षेत्र से क्यों नहीं गंगा में तकनीकी पूर्ण विसर्जन हो. इस तरह पूरे देश में फैला नदी का सैण्ड-बेड कोरोना वायरस का देशव्यापी सेनिटाइजर आसानी से हो सकता है.

हे भोलेनाथ ! यही न है स्वार्थ के लिए मल-जल को गंगा में बहाना, पाप कर्म करना और मल-जल के मार्ग को बदलकर उसे बालू-क्षेत्र होते हुए सर्वजन हिताय गंगा में शुद्धजल की मात्रा को बढ़ाते कर्म को अकर्म में बदलना, यही भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं :

किं कर्म किमकर्मेति कवयोअ्प्यत्र मोहिताः । तत्ते कर्म प्रवक्ष्यामि यज्ग्यात्वा मोक्ष्यसेअ्शुभात् ।। गीता : 4.16 ।।

कर्म क्या है और अकर्म क्या है? इस प्रकार इसका निर्णय करने में बुद्धिमान पुरुष भी मोहित हो जाते हैं. इसलिए वह कर्म तत्व मैं तुझे भलीभांति समझाकर कहूँगा, जिसे जानकर तू अशुभ से अर्थात् कर्म-बंधन से मुक्त हो जायेगा.

यही है मुंह पर मास्क लगाना, साबुन से बार-बार हाथ धोना, एक शरीर से दूसरे शरीर में दूरी रखना आदि छोटे-छोटे स्तरों से अपने आप को सेनिटाइज करना. इसी का देश स्तर पर कार्य है अवजल को यत्र-तत्र नदी में नहीं बहाकर कर इसे नदी के बालूक्षेत्र में सही तकनीक से बहाना देश को कोरोना वायरस से सेनिटाइज करना और कोरोना वायरस को हराना है.

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