सहारनपुर जनपद से आगे बढते हुए यह नदी मुजफ्फरगर व शामली जनपदों की सीमा में प्रवेश करती हैं । हिण्डन नदी को सीमा रेखा मानकर ही मुजफ्फरनगर व शामली जनपदों की सीमाएं तय की गई है । हिण्डन की पूर्व दिशा में मुजफ्फरनगर और पश्चिम दिशा में शामली जनपद है ।इन दोनों जनपदों में सीधे तौर पर कृषि बहिस्राब एवं बुढाना कस्बे का ठोस एवं तरल कचरा हिण्डन में ही मिलता है लेकिन जैसे ही हिंडन मेरठ की सीमा में प्रवेश करती है , तो मेरठ जनपद में मेरठ-मुजफ्फरनगर सीमा पर से गांव पिठोलकर के जंगल में हिण्डन नदी की पूर्वी दिशा से बहकर आने वाली काली नदी (पश्चिम ) इसमें मिल जाती है ।
मुजफ्फरनगर-शामली की सीमा से आगे बढ़ते हुए हिण्डन नदी मेरठ - बागपत जनपदों में प्रवेश कर जाती है । इन दोंनों जनपदों का भी हिण्डन नदी को सीमारेखा मानकर ही बटवारा किया गया है । हींण्डन की पूर्वी दिशा में मेरठ जनपद है जबकि पश्चिमी दिशा में बागपत जनपद । यहां से हिण्डन करीब दस किलोमीटर आग बढती है तो हिण्ड के पश्चिमी दिशा से बहकर जीने वाली कृष्णा नदी बरनावा गांव के निकट हिण्डन में मिल जाती है ।
बरनावा से पहले हिण्डन नदी की
पूर्वी दिशा में स्थित मेरठ जनपद के सरधना
कस्बे से आने वाला एक गंदा नाaला मेरठ जनपद
के कलीना गांव के जल में हिण्डन नदी में मिल चुका होता है । यहां से हिण्डन
नदी आगे बढती है तो यहाँ पूर्वी दिशा से अपर
गंगा नहर के जानी एस्केप से करीब 1500 क्यूसेक पानी में डाल दिया जाता है जोकि मेरठ-
बागपत से मात्र एक किलोमीटर दूर मोहम्मदपुर धूमी गांव में जाकर हिंडन नदी में गिरता
है जानी एस्केप की क़रीब 1000 क्यूसेक पानी
डालने की क्षमता है ।
यहां से आगे नदी में पानी का
बहाव बढ जाता है और नदी का जल काले के बजाए मटमैला नज़र आने लगता है । जानी एस्केप से
यह पानी हिण्डन मैं इसलिए डाला जाता है जिससे कि पानी को मोहन नगर से एक नहर के माध्यम
से निकालकर आगरा तक भेजा जा सके । यहां से आगे बढते हुए हिण्डन कुछ अन्य उद्योगों,
कस्बों व गांवों का गैर शोधित तरल एवं ठोस कचरा अपने में समाहित करके गाजियाबाद की
सीमा में प्रवेश कर जाती है ।
शहर का घरेलू बचा हुआ पानी हिंडन
के पश्चिम दिशा से एक नहर के माध्यम से यमुना नदी में कालन्दी कुंज बैराज तक भेज दिया
जाता है । मोहननगर से निकलने वाली ये नहर कलन्दी कुंज में यमुना नदी की पूर्व दिशा
में जाकर मिलती है । जितना पानी हिंडन नहर की सहायता से यमुना नदी में डाला जाता है
,उतना ही पानी कलन्दी कुंज में ही यमुना नदी
की पश्चिम दिशा से निकलने वाली आगरा नहर में भेज दिया जाता है । जो पानी मेरठ जनपद
में हिंडन नदी के अन्दर जानी स्केप में डाला गया होता है व इस प्रकार से मोहननगर से
होते हुए कलन्दीकुंज के रास्ते आगरा को जाने वाली नहर तक पहुँचता है ।