Ram Chandra Prasad Singh
  • HOME
  • ABOUT US
  • BLOGS
  • CONNECT

कोसी नदी अपडेट - जानें क्यों है देश में जल-निकासी आयोग के गठन की आवश्यकता

  • By
  • Dr Dinesh kumar Mishra Dr Dinesh kumar Mishra
  • October-15-2022
गुजराती में एक कहावत है, "छतरी पलटी गयी, कागड़ी थई गई"। जिसका अर्थ होता है कि बरसात में आंधी-पानी से अगर छतरी उलट जाये तो उसमें और कौवे में कोई अन्तर नहीं रह जाता।

आजकल कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तराखण्ड, बिहार आदि प्रान्तों से बाढ़ और वहां के शहरों से गाड़ियों, ट्रकों के बह जाने, लोगों की बिजली के खम्भों को पकड़ कर जीने की कोशिशों की फोटो, गिरते हुए घरों आदि के भयानक दृष्य टी.वी. पर देखने को मिल रहे हैं। कुछ दिन पहले यही विवरण अन्य असम्भव स्थानों से भी देखने में आ रही थीं। अत्यधिक वर्षा का होना इसका एक कारण था।

इसके साथ पानी की निकासी न हो पाना बाढ़ को मारक और लम्बे समय की त्रासदी में बदलता है। हमारे बाढ़ नियंत्रण के कार्यक्रमों का फल यही हुआ है कि योजनाकाल के प्रारम्भ में जो देश का बाढ़ प्रवण क्षेत्र 2.5 करोड़ हेक्टेयर था, वह अब बढ़ कर 5 करोड़ हेक्टेयर यानी दोगुना हो गया है। बिहार जैसे राज्य में यह वृद्धि 25 लाख हेक्टेयर से बढ़ कर कुसहा त्रासदी के बाद लगभग 73 लाख हेक्टेयर यानी तीन गुनी हो गयी है। राज्यों का बाढ़ नियंत्रण कार्यक्रम अगर बरसात में निष्फल हो जाये तो उसकी स्थिति उसी कौवे जैसी हो जाती है जिसकी तुलना गुजराती मुहावरे में उल्टी छतरी से की जाती है।

आज से लगभग सात साल पहले दिसंबर, 2015 में मैंने केन्द्रीय कृषि मंत्रालय को देश में एक नया राष्ट्रीय बाढ़/जल निकासी आयोग गठित करने के लिए लिखा था। क्योंकि पिछला राष्ट्रीय बाढ़ आयोग 1976 में गठित हुआ था, जिसकी रिपोर्ट 1980 में आयी थी। इस बीच बाढ़ के स्वरुप और उसके स्थायित्व में बहुत परिवर्तन आया है। शहरी बाढ़ों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और इनकी वज़ह से नुक्सान भी बहुत हुआ है, जिसे रोकने की कोई तैयारी नहीं थी। बाढ़ अब पश्चिम और दक्षिण भारत का रुख कर रही है और उत्तर के गंगा-यमुना वाले क्षेत्र में सूखा कहीं ज्यादा मुखर हो रहा है। अगर यह जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है तो यह बात अब स्पष्ट रूप से कही जानी चाहिए।

यह स्थिति चिंताजनक है, पर इसके निदान की कोई सुन-गुन नहीं मिलती है और न ही 1980 के बाद इसके मूल्यांकन की ही कोई खबर मिलती है। मेरे उस पत्र का उत्तर 21 जून, 2016 को केन्द्रीय जल संसाधन विभाग से आया, जिसमें यह स्वीकार किया गया है कि 1980 में देश में बाढ़ प्रवण क्षेत्र 4 करोड़ हेक्टेयर था, जो अब बढ़ कर 4.982 करोड़ हेक्टेयर हो गया है। यह बात तो हम सभी अब जानते ही हैं।

मंत्रालय के पत्र में कहा गया है कि जल संसाधन मंत्रालय द्वारा बाढ़ नियंत्रण कार्यक्रम के लिए एक विशेष रूप पर 8,000 करोड़ रुपयों की एक अतिरिक्त राशि प्रदान की गयी है तथा बारहवीं पंच वर्षीय योजना में 10,000 करोड़ रुपयों की दूसरी योजना, जिसमें नदी प्रबंधन, कटाव निरोधक कार्य, जल निकासी, फ्लड प्रूफिंग, समुद्र द्वारा कटान आदि के लिए आवंटित किये गए हैं। इसके अलावा भी 3,566 करोड़ रुपये राज्य सरकारों को अपनी 420 योजनाओं के लिए निर्गत किये गये हैं और 868.01 करोड़ रुपये ब्रह्मपुत्र और उसके सहायक धाराओं पर काम के लिए निर्धारित किये गए हैं।

पत्र आगे लिखता है कि “इसके अलावा बाढ़ प्रवण क्षेत्रों के वैज्ञानिक अध्ययन के लिए एक विशेषज्ञ समिति का भी गठन किया गया है, जिसकी तीसरी मीटिंग 25 सितम्बर 2015 को दिल्ली में हुई थी। आप के राष्ट्रीय स्तर पर एक नए बाढ़/जल निकासी आयोग का गठन का सुझाव ताकि बाढ़ और जल निकासी की समस्या में सुधार लाया जा सके विचारणीय और करने लायक है।”


इसके बाद क्या हुआ इसकी कोई खबर मुझे नहीं दी गयी। हम सभी सरकार पर यह दबाव बना सकते हैं कि वह बाढ़ की समस्या का बदले हुए परिप्रेक्ष्य में एक बार फिर अध्ययन करे और हर साल होने वाली क्षति को कम करने की दिशा में प्रयास करे और नयी सिफारशों के आधार पर आगे की योजना बनाये।

मेरा मानना है कि केवल बाढ़ नियंत्रण पर ही काम करना पर्याप्त नहीं है। इससे पानी की निकासी में बाधा पड़ती है। इस बाधा को दूर करने के लिए जल-निकासी का काम साथ- साथ लेने की आवश्यकता है, पर यह पूरा मसला बयानबाजी से आगे नहीं बढ़ता है।

हमसे ईमेल या मैसेज द्वारा सीधे संपर्क करें.

क्या यह आपके लिए प्रासंगिक है? मेसेज छोड़ें.

More

  • रामचंद्र प्रसाद सिंह-राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के प्रतिपालक लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर सादर अभिनंदन

  • आरसीपी सिंह - उगते सूर्य को अर्घ्य देने घाट पर उमड़े श्रद्धालु, नालंदा में रही छठ पूजा की धूम

  • आरसीपी सिंह - लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिवस की सभी प्रदेश वासियों को मंगल कामनाएं

  • आरसीपी सिंह - महापर्व छठ के द्वितीय दिवस "खरना" की सभी श्रद्धालुजनों को शुभकामनाएं

  • आरसीपी सिंह - नालंदा के बड़गांव में आयोजित छठ महोत्सव का किया शुभ उद्घाटन

  • आरसीपी सिंह - बिहार में पूरी तरह विफल है शराबबंदी कानून

  • आरसीपी सिंह - नालंदा के रहुई प्रखंड में कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम का आयोजन, उमड़ा समर्थकों का सैलाब

  • आरसीपी सिंह - कार्यकर्ता जनसम्पर्क कार्यक्रम के दौरान मधुबनी पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री

  • आरसीपी सिंह - देश का संविधान किसी के भी साथ भेदभाव करने का अधिकार नहीं देता है

  • आरसीपी सिंह - अमर शहीद श्री चितरंजन कुमार जी को अर्पित की श्रद्धांजलि, नक्सलियों से मुठभेड़ में हुए थे वीरगति को प्राप्त

  • आरसीपी सिंह - सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम में मां जानकी के जन्मस्थल पर पहुंचे श्री आरसीपी सिंह

  • आरसीपी सिंह - बिहार के मोतिहारी, शिवहर और सीतामढ़ी में किया गया जनसम्पर्क अभियान

  • आरसीपी सिंह - शराबबंदी कानून से बिहार का हुआ आर्थिक और सामाजिक नुकसान, मोतिहारी प्रेस वार्ता में बोले श्री सिंह

  • आरसीपी सिंह - तारापुर से लौटने के प्रक्रम में महपुर में साथियों से हुई मुलाकात

  • आरसीपी सिंह - तारापुर की पूर्व विधायक स्व पार्वती देवी जी के आवास पर जाकर अर्पित की श्रद्धांजलि

  • आरसीपी सिंह - रोहतास और कैमूर जनसम्पर्क अभियान में उमड़ा समर्थकों का सैलाब

  • आरसीपी सिंह - मुंडेश्‍वरी मंदिर, कैमूर में किए माँ के दर्शन एवं पूजा अर्चना

  • आरसीपी सिंह - लोकतंत्र में सभी की हैसियत बराबर है

  • आरसीपी सिंह - भोजपुर और रोहतास में आयोजित हुआ जनसम्पर्क अभियान, साथियों ने किया भव्य स्वागत

  • आरसीपी सिंह - आरा जाने के क्रम में नालंदा एवं पटना में विभिन्न स्थानों पर हुआ भव्य स्वागत

  • आरसीपी सिंह - दिल्ली दौरे के बाद पटना पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री, साथियों के किया स्वागत

  • आरसीपी सिंह - ग्राम भगवान बीघा से समाजसेवी स्व श्री रवींद्र सिंह राठौर जी के आवास पर जाकर अर्पित की शोक संवेदनाएं

  • आरसीपी सिंह - पूर्व केंद्रीय मंत्री नूरसराय प्रखंड के कुंदी गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में हुए शामिल

  • आरसीपी सिंह - मैं जमीनी स्तर पर काम करने वाला सेवक हूं, पटना में बड़े कार्यालयों में बैठकर सियासत करनी मुझे नहीं आती

  • आरसीपी सिंह - सिवान और छपरा में स्नेहपूर्ण स्वागत के लिए सभी साथियों का आभार

  • आरसीपी सिंह - गोपालगंज स्थित थावे मंदिर में मां थावेवाली का पूजन-वंदन किया, लोककल्याण की प्रार्थना की

  • आरसीपी सिंह - गोपालगंज सदर से विधायक स्व सुभाष सिंह जी के आवास पर जाकर अर्पित की श्रद्धांजलि

  • आरसीपी सिंह - गोपालगंज जाने के क्रम में विभिन्न स्थानों पर समर्थकों एवं साथियों से हुई मुलाकात

  • आरसीपी सिंह - खिजरसराय, गया में साथी श्री सुचित कुमार की माताजी की श्रद्धांजलि सभा में हुए शामिल

  • आरसीपी सिंह - गया जाने के क्रम में विभिन्न स्थानों पर साथियों से मिलकर लिया आशीष

  • आरसीपी सिंह - देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने पर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को हार्दिक शुभकामनाएं

  • आरसीपी सिंह - संगठन के समर्पित एवं कर्मठ कार्यकर्ता स्व चंदेश्वर बिंद जी को अर्पित किए श्रद्धासुमन

  • आरसीपी सिंह - जहानाबाद जाने के क्रम में नालंदा जिले में विभिन्न स्थानों पर साथियों ने किया स्वागत

  • आरसीपी सिंह - बिहार सरकार के पूर्व मंत्री, जेपी आंदोलन के सेनानी स्व नरेंद्र सिंह जी को अर्पित किए श्रद्धासुमन

  • आरसीपी सिंह - नवनियुक्त इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी से हुई भेंटवार्ता

  • आरसीपी सिंह - तिरुपति में इस्पात मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की बैठक का हुआ आयोजन

  • आरसीपी सिंह - हैदराबाद में एनएमडीसी के उत्पादन प्रदर्शन और भविष्य के रोडमैप की समीक्षा बैठक हुई आयोजित

  • आरसीपी सिंह - देश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल तिरुपति बालाजी के किए दर्शन

  • आरसीपी सिंह - इस्पात मंत्रालय की बैठक के लिए तिरुपति पहुंचे केंद्रीय इस्पात मंत्री

  • आरसीपी सिंह - रांची के सांसद श्री संजय सेठ से हुई भेंटवार्ता

  • आरसीपी सिंह - जमुई जाने के क्रम में साथियों ने केंद्रीय इस्पात मंत्री जी का किया भव्य स्वागत

  • आरसीपी सिंह - महाबोधि मंदिर, बोधगया में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम में शामिल हुए मंत्री महोदय

  • आरसीपी सिंह - केंद्रीय इस्पात मंत्री ने किया सरदार स्वराज आश्रम और दांडी स्मारक का भ्रमण

  • आरसीपी सिंह - सूरत में माध्यमिक इस्पात उत्पादकों और इस्पात उपभोक्ताओं के साथ संवादात्मक सत्र

  • आरसीपी सिंह - ड्रीम सिटी, सूरत में जल्द शुरू होने जा रही बहुआयामी परियोजना सूरत डायमंड बोर्स का किया दौरा

  • आरसीपी सिंह - सूरत के हजीरा में आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील के एकीकृत इस्पात संयंत्र का मंत्री जी ने किया निरीक्षण

  • आरसीपी सिंह - हरित और टिकाऊ बुनियादी ढांचे की दिशा में सार्थक कदम, भारत में पहली स्टील स्लैग रोड़ का शुभारंभ

  • आरसीपी सिंह - उत्तराखंड में माध्यमिक इस्पात उद्योगों के अवसरों और चुनौतियों पर संवाद सत्र

  • आरसीपी सिंह - पतंजलि योगपीठ में बाबा रामदेव जी के साथ किया योगाभ्यास

  • आरसीपी सिंह - निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी कैलाशानंद गिरि जी मिले श्री सिंह

  • आरसीपी सिंह - शांतिकुंज हरिद्वार में श्रद्धेया जीजी श्रीमती शैलबाला पंड्या जी से मिलकर प्राप्त किया आशीर्वाद

Read More

© rcpsingh.org & Navpravartak.com

  • Terms
  • Privacy