आज गुजरात दौरे के दौरान केंद्रीय इस्पात मंत्री श्री आरसीपी सिंह ने सूरत में माध्यमिक इस्पात उत्पादकों और इस्पात उपभोक्ताओं के साथ संवादात्मक सत्र की अध्यक्षता की। इस दौरान इस्पात उत्पादकों द्वारा गैस आपूर्ति पर जीएसटी लगाने, निर्यात शुल्क को समाप्त करने और घरेलू बाजार में इस्पात की आवश्यकता के अनुसार कच्चे माल की आपूर्ति के लिए सुझाव मंत्री महोदय के द्वारा साझा किए गए।
सूरत मैरियट होटल, अठवालाइन्स में आयोजित इस सत्र में इस्पात उत्पादकों और उपभोक्ताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय इस्पात मंत्री श्री सिंह ने कहा कि वर्ष 2030 तक 255 मिलियन मीट्रिक टन स्टील का उत्पादन करने का भारत का लक्ष्य है। वर्तमान में सालाना 120 मिलियन मीट्रिक टन स्टील का उत्पादन होता है। हालांकि, आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में सालाना 500 मिलियन मीट्रिक टन इस्पात निर्माण का लक्ष्य है। चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक है, लेकिन भारत का वार्षिक उत्पादन 120 मिलियन मीट्रिक टन है। नंबर एक पर चीन का उत्पादन 1,000 मिलियन मीट्रिक टन है। इसलिए पहली और दूसरी संख्या के बीच बहुत बड़ा अंतर है, जिसे कम करने के लिए हमें प्रयास करने होंगे।