आधुनिक भारत के निर्माता के रूप में विख्यात सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की 145वीं जयंती को देशभर में मनाया जा रहा है। सरदार वल्लभ भाई पटेल जी ने देश की आजादी के बाद समस्त राष्ट्र को अपने अथक प्रयासों से एक सूत्र में पिरोने के क्रम में अहम भूमिका निभाई थी। तकरीबन 562 रियासतों में बंटे भारत को एक राष्ट्र बनाने के लिए सरदार पटेल ने काफी पसीना बहाया। उन्होंने जूनागढ़ और हैदराबाद जैसे विवादित रियासत को भी अपनी चतुराई और कूटनीतिक कौशल से भारत में मिला दिया था।
आज समाजवादी पार्टी चुनाव कार्यालय पर अखंड भारत के निर्माता सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर पूर्व प्रत्याशी कायमगंज विधानसभा सर्वेश अंबेडकर जी ने कहा कि 11 जुलाई, 1949 को प्रतिबंध तब हटा जब देश के तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की शर्तें तत्कालीन संघ प्रमुख गोलवलकर ने मान लीं। इस शर्त के साथ प्रतिबंध हटाया गया कि संघ अपना संविधान बनाए और उसे प्रकाशित करे, जिसमें लोकतांत्रिक ढंग से चुनाव होंगे। इसके साथ ही वह राजनीतिक गतिविधियों से पूरी तरह से दूर रहेगा और सांस्कृतिक गतिविधियों में ही लिप्त रहेगा। संघ हिंसा और गोपनीयता का त्याग करे। भारत के ध्वज और संविधान के प्रति वफादार रहने की शपथ ले और लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास रखे।