बिहार सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके मंत्रालय की नियत में ही खोट है, तो नीतियों के सफल होने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता है। हाल ही में 1750 करोड़ का पुल कागज की तरह बिखर गया, पिछली बार भी पुल सुल्तानगंज की तरफ गिर गया था, इसके अलावा बिहार के कईं जिलों से भी पुलों के गिरने के समाचार आते रहते हैं, बिहार सरकार की खासियत ही यही है कि यहां कमीशनखोरी की प्रथा अपने चरम पर है और काम में कोई भी गुणवत्ता नहीं है और यही सरकार की सबसे बड़ी असफलता है।
नालंदा विधानसभा में भाजपा के नौ वर्ष पूर्ण होने पर कार्यक्रम के आयोजन में आए श्री सिंह ने कहा कि बिहार सरकार की मानसिक राजनीतिक अस्थिरता के कारण प्रशासनिक अराजकता और भ्रष्टाचार भरपूर है और इसका व्यापक असर हर विभाग में दिखाई देता है। इंफ्रास्ट्रक्चर का काम हो, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल व्यवस्था, सिंचाई व्यवस्था हो या आवास से जुड़ी योजनाएं, हर जगह भ्रष्टाचार पसरा हुआ है। बिहार के विकास की कोई परवाह मुख्यमंत्री महोदय को नहीं है, लेकिन कुर्सी की परवाह बहुत अधिक है।