विद्या बिन मति गई
मति बिन नीति गई
नीति बिन गति गई
गति बिन धन गया
धन बिन शूद्र गये
इतना घोर अनर्थ
मात्र अविद्या (अज्ञानता) के कारण ही हुआ।
आज सारा देश महान क्रांतिकारी एवं समाजसेवी महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती मना रहा है, उन्होंने देश से छुआछूत को समाप्त करने और समाज को सशक्त बनाने में अहम किरदार निभाया। उनकी जयंती के अवसर पर श्री सर्वेश अंबेडकर जी ने कहा कि शुद्र वर्ण में शिक्षा की ज्योति जलाने वाले सामाजिक परिवर्तन के अग्रदूत राष्ट्रपिता ज्योतिबा राव फुले जी की जयंती पर कृतज्ञ भारत को बधाई।
साथ ही उन्होंने कहा कि महान समाज सुधारक ज्योतिराव फुले जी ने गरीब, महिलाओं, दलितों, पिछड़ों के उत्थान के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने दलितों-वंचितों विरोधी कुरीतियों और शोषण के खिलाफ आवाज उठाई और महिला सशक्तिकरण की दिशा में अभूतपूर्व योगदान दिया। साथ ही उन्होंने महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिलाने, बाल विवाह के खिलाफ और विधवा विवाह के समर्थन में कार्य किया।