संयुक्त राष्ट्र संघ ने वैश्विक स्तर पर पर्यावरण प्रदूषण की बढ़ती समस्या को ध्यान में रखते हुए 1972 में विश्व पर्यावरण दिवस की नींव रखी थी। इसका उद्देश्य दुनिया भर के नागरिकों को पर्यावरण प्रदूषण की चिन्ताओं से अवगत कराना और प्रकृति एवं पर्यावरण को लेकर लोगों को जागरुक करना था। आज जबकि इस दिन की शुरुआत को लगभग 5 दशक बीत चुके हैं, वहीं इससे जुड़ी चुनौतियों में भी बेहिसाब इजाफा हुआ है। भारत समेत दुनिया के अधिकांश देश इस दिशा में चिन्तित और प्रयासरत हैं।
वहीं, मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के दूरदर्शी नेतृत्व में इस वैश्विक समस्या को लेकर बिहार ने जो प्रतिबद्धता दिखाई है और असंभव से दिखने वाले लक्ष्यों को पूरा किया है, वह अपने आप में एक मिसाल है।
हमारे नेता श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार द्वारा 2019 में शुरू किया गया जल-जीवन-हरियाली अभियान आज देश और दुनिया को दिशा दिखाने का काम कर रहा है। 24 हजार 524 करोड़ रुपए के बजट वाले इस अभियान के कई अवयवों में से एक प्रमुख अवयव बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण है। इस अभियान के तहत पिछले वर्ष आज ही के दिन 5 जून 2020 से प्रारम्भ कर बिहार पृथ्वी दिवस 9 अगस्त 2020 तक 3.47 करोड़ पौधे लगाए गए।
इससे पूर्व 2012 में शुरू किए गए हरियाली मिशन के तहत 22 करोड़ से ज्यादा वृक्ष लगाए गए थे। इन प्रयासों का ही फल है कि झारखंड से अलग होने के बाद जिस बिहार का हरित आवरण मात्र 9% रह गया था, वो आज बढ़कर लगभग 15% हो गया है और इसे 17% करने के लक्ष्य पर अनवरत काम किया जा रहा है। इस वर्ष आज के दिन पुन: 5 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया है जो बिहार पृथ्वी दिवस 9 अगस्त 2021 तक चलेगा।
मेरी जदयू कार्यकर्ताओं समेत तमाम बिहारवासियों से अपील है कि वे इस महायज्ञ में अपना योगदान दें।
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के आह्वान पर जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर जागरुकता पैदा करने के लिए बिहार में बनी मानव-श्रृंखला में 5 करोड़ 16 लाख से अधिक लोगों ने शामिल होकर इतिहास रचा था। हमें ऐसी ही एकजुटता और संकल्प का परिचय प्रकृति और पर्यावरण को लेकर आगे भी देना है। आज पर्यावरण को लेकर हमारे नेता के विचारों को सुनने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से उन्हें आमंत्रित किया जाता है, इससे जहां हमें गौरवान्वित होना चाहिए वहीं इस दिशा में अपने संकल्प को लेकर अधिक गंभीर भी होना चाहिए।
कोरोना महामारी के संदर्भ में देखें तो हम पाएंगे इसने हमारे जीवन और जैविकी पर एक साथ चोट की है। इस संकट ने भी सीख दी है कि प्रकृति और पर्यावरण को लेकर हमें और अधिक सचेत रहने की जरूरत है। हमारा जीवन तो सीधे तौर पर प्रकृति से जुड़ा ही है, दुनिया भर के अरबों लोगों की जीविका भी इससे जुड़ी है। अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए हमारी ओर से इससे बड़ी सौगात नहीं हो सकती कि हम उन्हें प्रकृति और पर्यावरण को लेकर संवदेनशील और जिम्मेदार बनाएं।
विश्व पर्यावरण दिवस के लिए इस साल की थीम इकोसिस्टम रेस्टोरेशन है। हमें इस थीम और इससे जुड़े संदेश को समझते हुए अपना दायित्व निभाना है। कोई भी सरकार आमजन के सहयोग के बिना किसी बड़े लक्ष्य को नहीं पा सकती। बिहार ने अपने महान नेतृत्वकर्ताओं और महान जनता की बदौलत प्राचीन काल से विश्व को संदेश देने का काम किया है। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हमें एक बार फिर देश और दुनिया को संदेश देने का काम करना है।
धन्यवाद।