मोतिहारी जिले में हुई प्रेस वार्ता में मीडिया बंधुओं से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए श्री आरसीपी सिंह ने कहा कि वह अपने साथी कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित करने के लिए प्रदेश के कोने कोने में जा रहे हैं और यहां उन्हें मुख्यमंत्री जी की योजनाओं की जमीनी हकीकत पता चल रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी का दायित्व बनता है कि वह प्रदेश की जनता के लिए काम करें, प्रदेश को विकसित करें, किसानों की मदद, औद्योगीकरण विकास, युवाओं को रोज़गार इत्यादि जैसे मुद्दों पर अधिक से अधिक बात करें लेकिन वह इसके स्थान पर जनता को प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति बनने और विपक्षी एकता जैसी बातों में उलझा और भटका रहे हैं।
वहीं उन्होंने शराबबंदी क़ानून के बारे में अपने विचार प्रकट करते हुए लिखा कि बिहार में शराबबंदी कानून फेल है। इससे प्रदेश में आर्थिक और सामाजिक दोनों तरह का नुक़सान हुआ है। शराबबंदी क़ानून के तहत जेल में बंद ज़्यादा से ज़्यादा लोग अत्यंत ही गरीब तबके से आते हैं। श्री सिंह ने कहा कि यहां शराबबंदी शब्द औचित्यहीन होकर रह गया है, बिहार में शराब निर्माण एक कुटीर उद्योग बन गया है। गांव गांव से गरीब गुरबा जेल जा रहे है, जनता में इस बात को लेकर गुस्सा व्याप्त है। उन्होंने कहा कि यह बात उन्होंने बताई भी थी, इस पर कोई प्रेस्टीज इशू नही बनना चाहिए क्योंकि शराबबंदी से बिहार को राजस्व की भारी क्षति हुई है।
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