रूसी ऊर्जा सप्ताह के दौरान अपनी रूसी यात्रा पर पहुंचे केंद्रीय इस्पात मंत्री श्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने आज रूसी संघ के ऊर्जा मंत्री निकोले शुलगिनोव से मुलाकात की। अपनी मुलाकात के दौरान दोनों राजनेताओं ने कोकिंग कोल और स्टील सेक्टर में सहयोग के अवसरों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। इस अहम अवसर पर दोनों देशों के मध्य कोकिंग कोल क्षेत्र में सहयोग के संबंध में एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए गए।
इस मौके पर अपने संबोधन में श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप कोकिंग कोल के आयात के बहुत से अन्य विकल्प खोजने और कैबिनेट के निर्णय के आधार पर इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इससे भारत के स्टील उद्योग के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और दोनों देशों के रिश्ते और अधिक मजबूत होंगे।
समझौता ज्ञापन में कोकिंग कोल में संयुक्त परियोजनाओं से जुड़ी गतिविधियों के कार्यान्वयन की परिकल्पना की गई है, जिसमें भारत को उच्च गुणवत्ता वाले कोकिंग कोल की लंबी अवधि की आपूर्ति, कोकिंग कोल डिपॉजिट्स का विकास और लोजिस्टिक्स विकास, कोकिंग कोल उत्पादन प्रबंधन में अनुभव साझा करना, खनन की तकनीकें इत्यादि शामिल रहे। अपनी दो दिवसीय मॉस्को यात्रा के दौरान आदरणीय इस्पात मंत्री बहुत से प्रमुख रूसी इस्पात संस्थानों एवं उद्योगों के साथ मिलकर चर्चा करेंगे।
इस मौके पर जलवायु के प्रति संवेदनशील दुनिया में कोयले का भविष्य अंत या एक नई शुरुआत विषय पर अंतरराष्ट्रीय पैनल में श्री सिंह ने कहा कि भारत में 70 प्रतिशत से अधिक बिजली कोयले पर आधारित है। चीन, इंडोनेशिया, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका आदि देशों में भी यही स्थिति है। दुनिया में 33.8 प्रतिशत ऊर्जा की जरूरत कोयले से पूरी होती है। इसलिए हमें एक नई शुरुआत करनी चाहिए, जिसमें कोयले का ठीक इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके।