पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री आरसीपी सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कानूनों को लेकर आज प्रश्न खड़े किए। उन्होंने बिहार में शराबबंदी कानून, बाल विवाह, दहेज प्रथा जैसे अनेकों मुद्दों को लेकर सरकार की विभिन्न योजनाओं पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया। उन्होंने बिहार में इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए कड़ी कानूनों के बजे जन जागरण की सार्थक मुहिम पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने नल जल योजना से लेकर ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत सरकारी विफलताओं पर भी बात की।
वहीं उन्होंने शराबबंदी क़ानून के बारे में अपने विचार प्रकट करते हुए लिखा कि बिहार में शराबबंदी कानून फेल है। इससे प्रदेश में आर्थिक और सामाजिक दोनों तरह का नुक़सान हुआ है। शराबबंदी क़ानून के तहत जेल में बंद ज़्यादा से ज़्यादा लोग अत्यंत ही गरीब तबके से आते हैं। श्री सिंह ने कहा कि यहां शराबबंदी शब्द औचित्यहीन होकर रह गया है, बिहार में शराब निर्माण एक कुटीर उद्योग बन गया है। गांव गांव से गरीब गुरबा जेल जा रहे है, जनता में इस बात को लेकर गुस्सा व्याप्त है। उन्होंने कहा कि यह बात उन्होंने बताई भी थी, इस पर कोई प्रेस्टीज इशू नही बनना चाहिए क्योंकि शराबबंदी से बिहार को राजस्व की भारी क्षति हुई है।