पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री आरसीपी सिंह ने आज बिहार में किसानों की समस्याओं और आधुनिक कृषि के कारण धरती की खत्म होती उर्वरकता को लेकर अहम विचार साझा किए। उन्होंने कहा,
किसान परेशान हैं और साथ ही धरती माता ऊसर होती जा रही है, हर वर्ष यूरिया, डीएपी इत्यादि की खपत बढ़ती जा रही है। कीटनाशकों के बढ़ते प्रयोग के चलते आज पंजाब के बाद सबसे अधिक कैंसर के मरीज बिहार में हैं। इसलिए आज परंपरागत, ऑर्गैनिक और प्राकृतिक इस तीनों खेती के तरीकों को अपनाने की आवश्यकता है। हमें इसी प्रकार की खेती की ओर जाना है।
आज हिमाचल प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्रा प्रदेश इत्यादि में किसानों ने प्राकृतिक खेती पर काम करना शुरू कर दिया है, भारत सरकार ने भी ज़ीरो बजट खेती को बजट में विशेष स्थान दिया है। किसान को प्राकृतिक खेती से अत्याधिक लाभ होगा, कीटनाशकों, यूरिया इत्यादि पर होने वाला खर्च बचेगा, जमीन की उर्वरक शक्ति बढ़ेगी और किसान को खेती से लाभ होगा। वहीं इससे किसानों को नए उद्यम स्थापित करने में भी लाभ मिलेगा।