केंद्रीय इस्पात मंत्री श्री आरसीपी सिंह ने आज गुरुग्राम, हरियाणा में प्लास्टिक पुनर्चक्रण सम्मेलन एशिया 2.0 के प्रतिभागियों को संबोधित किया और उनके साथ बातचीत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि,
"हमारे माननीय प्रधान मंत्री द्वारा परिकल्पित 2070 तक भारत को शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया। स्टील बनाने में प्लास्टिक कचरे का उपयोग करके हम अंततः प्लास्टिक कचरे का निपटान कर सकते हैं और पृथ्वी को स्थायी रूप से स्वच्छ और हरा-भरा बना सकते हैं। प्लास्टिक कचरे को दोनों प्रकार के कोयले के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है और इस प्रकार प्लास्टिक कचरे का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा सकता है।"
इसके साथ ही मंत्री महोदय ने कहा कि,
"आयरन और स्टील उद्योग ने भारत के इतिहास में मगध जैसे साम्राज्यों की प्रगति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और मुझे विश्वास है कि वर्तमान युग में धरती माँ को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने में भी यह उद्योग अग्रणी भूमिका निभाएगा। हम सबको मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि हम जिस जल, वायु और भोजन का सेवन करते हैं वो स्वास्थ्यवर्धक हो। हमें क्लीन और ग्रीन-स्टील, डी-कार्बोनाइजेशन और कार्बन-न्यूट्रल पर भविष्य में सुनियोजित तरीके से काम करना होगा। प्लास्टिक-वेस्ट का उपयोग, कोकिंग और नॉन-कोकिंग, दोनों कोयला के स्थान पर किया जा सकता है जिससे वेस्ट को वेल्थ में सतत रूप से बदला जा सकता है।"