स्पेशलिटी स्टील के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम देश में स्टील सेक्टर के लिए गेम चेंजर साबित होगी और स्पेशलिटी स्टील के उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाएगी। केंद्रीय इस्पात मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने ऑल इंडिया रेडियो न्यूज के साथ एक विशेष साक्षात्कार में यह बात कही। ज्योति मुकुल के साथ एक साक्षात्कार में, श्री सिंह ने उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) और रूस से कोकिंग कोल आयात पर सरकार के दो हालिया फैसलों और मुफ्त मूल्य निर्धारण और स्टील की उच्च लागत के बीच कड़े कदम के बारे में बात की।
केंद्रीय इस्पात मंत्री श्री आरसीपी सिंह ने कहा कि पिछले सप्ताह सरकार द्वारा अनुमोदित स्पेशलिटी स्टील के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना से लगभग 40,000 करोड़ रुपये के निवेश और विशेषता स्टील के लिए 25 मिलियन टन की क्षमता में वृद्धि की उम्मीद है। इस योजना के साथ, उन्होंने कहा कि भारत का विशेष इस्पात का निर्यात लगभग 5.5 मिलियन टन हो जाएगा और उत्पादन 2026-27 के अंत तक 42 मिलियन टन तक पहुंच जाएगा।
स्पेशलिटी स्टील सेक्टर और लाभों के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन पर इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह के साथ हुए साक्षात्कार में उन्होंने बहुत से मुद्दों पर चर्चा करते हुए देश को विकास की ओर ले जाने की बात कही।
इस्पात उत्पादन के क्षेत्र में देश बनेगा आत्मनिर्भर -
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI) उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन योजना है। केंद्रीय इस्पात मंत्री ने कहा कि 4 मिलियन टन विशेष इस्पात का हम लोग आयात करते हैं, जो इस योजना के लागू होने के बाद करीब-करीब खत्म हो जाएगा। आरसीपी सिंह ने कहा कि हम लोग इस्पात उत्पादन के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जाएंगे और किसी अन्य देश पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा। रेलवे कोच, हाउसिंग सेक्टर, डिफेन्स, फुट ओवर ब्रिज और अन्य संरचनात्मक विकास कार्यों में जितनी भी इस्पात की आवश्यकता होती है वह हम अपनी जरूरत के अनुरूप बना पाएंगे।
युवाओं के लिए बढ़ेंगे रोजगार के अवसर -
अपने साक्षात्कार के अंतर्गत श्री सिंह ने जानकारी दी कि झारखंड में आयरन अयस्क और अन्य संसाधन उच्च कोटि के हैं। वहां रॉ मेटेरियल, स्टील की यूनिट होना सबसे बड़ा लाभ है। इसलिए हम अपने कार्यक्रम को अपस्ट्रीम करते हैं, जहां पर हमें रॉ मेटेरियल चाहिए, वहां डाउनस्ट्रीम और वैल्यू एड़िशन होता है, जिससे इन दोनों ही क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ जाएंगे।
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