अपने पंजाब दौरे पर माननीय केंद्रीय इस्पात मंत्री श्री आरसीपी सिंह ने पंजाब के प्रमुख धार्मिक स्थलों में पहुंचकर श्रद्धा सुमन प्रकट किए। इसी क्रम में वह आनंदपुर साहिब, गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब, भोरा साहिब जी पहुंचे और मत्था टेकने का सौभाग्य प्राप्त किया। इसके साथ साथ मंत्री महोदय ने चंडीगढ़ स्थित इस्कॉन मंदिर में भी दर्शन एवं पूजा अर्चना की। श्री सिंह ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि देश की धार्मिक व सांस्कृतिक झलकियों से लबरेज पंजाब के इन आस्थापूर्ण स्थलों का भ्रमण करने का मौका हमें मिला है।
गौरतलब है कि आनन्दपुर साहिब सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। यहाँ दो अंतिम सिख गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर जी और श्री गुरु गोविंद सिंह जी रहे थे और यहीं सन् 1699 में गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। वहीं गुरुद्वारा फ़तेहगढ़ साहिब सिखों का एक मुख्य धार्मिक स्थल है। कहा जाता है कि वर्ष 1704 में साहिबज़ादा फतेहसिंह और साहिबज़ादा जोरावर सिंह को सरहिंद के फौजदार वज़ीर खान के आदेश पर दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था। यह गुरुद्वारा उन्हीं की शहादत की याद में बनाया गया था। पवित्र भोरा साहिब वह स्थान है, जहां सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर जी महाराज नौ दिन नजरबंद रहे। भोरा साहिब में 1984 से अखंड पाठ चलता है, जो एक बार भी भंग नहीं हुआ है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी की हत्या के बाद जब देश में दंगे भड़के तो बहुत से सिखों ने सब कुछ छोड़कर गुरुद्वारे में आकार शरण ली थी। सबने भोरा साहिब में प्रार्थना की कि उनके जान माल का नुकसान न हो। ऐसा ही हुआ भी। तब से इस स्थान के लिए लोगों में आस्था और बढ़ गई और यहां निरंतर अखंड पाठ शुरू हुआ।