एसआरटीएमआई के माध्यम से आज इस्पात मंत्रालय, उद्योग भवन में लौह एवं इस्पात उद्योग में प्लास्टिक कचरे के उपयोग पर तैयार रिपोर्ट पर प्रस्तुति केन्द्रीय इस्पात मंत्री श्री आरसीपी सिंह के सामने दी गई।
शुक्रवार को राजधानी दिल्ली के उद्योग भवन में आयोजित एक बैठक में विचार विमर्श किया गया कि इस्पात उद्योग से देश में प्लास्टिक कचरे की समस्या से स्थायी समाधान मिल सकता है। इस मौके पर मंत्री महोदय ने पर्यावरण, वन औरजलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ बातचीत करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस योजना का मकसद स्टील क्षेत्र को भी प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम 2016 के तहत अंतिम उपयोगकर्ता के रूप में तैयार करना है।
मंत्री महोदय ने कहा कि यह रिपोर्ट विश्व स्तर पर और साथ ही भारत में उद्योगों द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं के आधार पर तैयार की गई है। इस्पात निर्माण में अपशिष्ट प्लास्टिक का उपयोग करने के लिए बड़ी संभावनाएं उपलब्ध हैं लेकिन भारत में अपशिष्ट प्लास्टिक का उपयोग काफ़ी कम है। उपयुक्त नीति और R&D के साथ इसके उपयोग को काफी बढ़ाया जा सकता। इस विषय पर जल्द ही एक राष्ट्रीय सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा।