जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसदीय नेता श्री आरसीपी सिंह ने बुधवार को राजसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि नया कृषि कानून किसान विरोधी नहीं है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि किसान आंदोलन की तुलना चंपारण या खेड़ा आंदोलन से करनी बिल्कुल निरर्थक है क्योंकि चंपारण में हुआ आंदोलन नील की जबरन खेती के विरोध में और खेड़ा आंदोलन जबरन लगान वसूली के खिलाफ हुए थे लेकिन यहां तो सरकार ने किसानों को सुविधाएं दी हैं, उनसे कुछ छीना नहीं जा रहा है।
श्री सिंह ने कृषि कानून के तीनों विवादास्पद कानूनों को भी एक एक कर समझाया और बताया कि कोई भी कानून किसानों पर थोपा नहीं गया है, इसलिए अब हमें हठधर्मिता और कलही राजनीति से ऊपर उठकर सोचना होगा कि कृषि क्षेत्र को विकसित कैसे किया जाए। यदि किसी भी कानून को लेकर संशय है तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार किसानों को सरकार से संवाद करना चाहिए, ना कि विपक्ष के बहकावे में आकर आंदोलन को बढ़ावा देना चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि आज समय है जब हम कृषि जगत के विकास और किसानों की खुशहाली के बारे में चर्चा करें और इसके लिए सभी राजनीतिक दलों को भी प्रयास करना होगा।