इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि प्रतिकूल परिस्थितियों को अवसरों में बदलना होगा और इसके लिए पूरे प्रयास करने होंगे। अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि कोकिंग कोल, जो ज्यादातर आयात होता है, सबसे बड़ा लागत तत्व है। इस बैठक में मंत्री महोदय ने लागत में कटौती के बहुत से उपाय सुझाए। बैठक में इस्पात संयंत्रों की दक्षता और उत्पादकता को प्रभावित करने वाले बहुत से मानदंडों की समीक्षा की गई ताकि उत्पादन की लागत में कमी लाने के साथ ऊर्जा की दक्षता में सुधार हो, पानी की न्यूनतम खपत हो और ग्रीन हाउस उत्सर्जन कम हो। बैठक में मुख्य रूप से इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलसते एवं मंत्रालय व उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी रही।