Ram Chandra Prasad Singh पंजाब, हरियाणा और दिल्ली सहित देश के अन्य हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है लोहड़ी का त्यौहार, जिसे फसल कटाई के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। फसल काटने के बाद किसानों को होने वाली आमदनी से घरों में जो बरकत और खुशियां आती हैं, उन्हें मनाने के लिए घरों में पवित्र अग्नि जलायी जाती है और उसमें गुड, तिल, रेवड़ी, गज्जक, मूंगफली आदि डाली जाती है।

यदि लोहड़ी के इतिहास की बात करें तो पहले के समय में इसे तिलोड़ी नाम से जाना जाता था, यानि तिल तथा गुड की रोटी (रोड़ी) का संगम। आज भी पंजाब के बहुत से हिस्सों में इसे लोई या लोही कहा जाता है। पौष माह की अंतिम रात्रि को मनाए जाने वाले इस त्यौहार को बसंत ऋतु के प्रवेश द्वार के रूप में भी देखते हैं। पंजाबी समुदाय के लिए तो यह पर्व बेहद विशेष होता है, खासकर जिस घर में नववधू अथवा नवजात शिशु आया हो, उनके लिए लोहड़ी बहुत चाव से मनाई जाती है।
आप सभी को हर्ष, उल्लास और प्रफुल्लता के प्रतीक लोहड़ी पर्व की बहुत बहुत बधाईयां, आप सबके घरों में नवता और शुभता का आगमन हो और जीवन मंगलमय बना रहे।