पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री आरसीपी सिंह ने आज मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने राज्य को हर क्षेत्र में पीछे धकेल दिया है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार में बिहार की स्थिति आर्थिक मोर्चे से लेकर गरीबी, रोजगार, शिक्षा, मेडिकल फैसिलिटी की गांव-गांव तक पहुंच से जुड़े मामलों में कुछ ज्यादा नहीं बदली है. पिछले साल अगस्त में नीतीश कुमार ने बीजेपी से पल्ला झाड़ते हुए फिर से तेजस्वी यादव के साथ हाथ मिलाकर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाई। उसके बाद से ऐसा लगता है कि बिहार की शासन व्यवस्था से नीतीश का एक तरह से मोहभंग हो गया है। ऐसे तो नीतीश बिहार के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन पिछले 7-8 महीनों से उनका पूरा ध्यान और जोर आजमाइश बिहार की तस्वीर बदलने पर नहीं, बल्कि 2024 के लोकसभा चुनाव में देशव्यापी स्तर बीजेपी के खिलाफ लामबंदी करने पर है, उन्होंने बिहार के विकास को हमेशा की तरह बैक फुट पर रख दिया है।
इसके अलावा उन्होंने शराबबंदी और अपराधों के बारे में अपने विचार रखते हुए कहा कि बिहार में अपराध की घटनाओं में तो लगातार इजाफा हो रहा है, दो तरह की आपराधिक घटनाओं में ख़ासकर बेतहाशा वृद्धि दर्ज की गई है। एक तो शराबबंदी के बाद शराब माफियाओं का बढ़ता जाल और जहरीली शराब से दम तोड़ते लोगों की संख्या में हर साल इजाफा हो रहा है. बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी है, दुकानें भले ही बंद हों, लेकिन लोगों तक शराब माफिया अवैध तरीके से शराब पहुंचाने में पुलिस के नाक के नीचे से कामयाब हो रहे हैं। बिहार में पिछले 7 साल में शराब का एक नया आर्थिक तंत्र खड़ा हो चुका है, जो नए अपराधों को जन्म दे रहा है।